आईपीएल का इकबाल
दैनिक जागरण। May 01,
राजस्थान रॉयल्स के 18 वर्षीय युवा क्रिकेटर कामरान खान के पास खोने को कुछ नहीं है, लेकिन पाने के लिए सारा जहां है और इसी चाहत में वह आईपीएल-2 में नामी-गिरामी चैंपियन खिलाड़ियों के बीच चमक रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में एक निर्धन परिवार में जन्मे कामरान अपने सात भाइयों और दो बहनों में सबसे छोटे है। कामरान की कहानी फिल्म 'इकबाल' के नायक इकबाल से कुछ अलग नहीं है। इस फिल्म में जैसे इकबाल धूल से भरे मैदानों से निकल अचानक विश्व क्रिकेट के परिदृश्य में छा जाता है, उसी तरह गलियों में टेनिस बॉल से खेलने वाले कामरान ने भी दृढ़निश्चय और आत्मविश्वास के बल पर केप टाउन के हरे-भरे मैदान पर अपने प्रोफेशनल क्रिकेट जीवन में पहली बार लेदर की गेंद फेंकी।
कामरान खान के साथ राजस्थान रॉयल्स ने 12 लाख रुपये वार्षिक का कांट्रेक्ट किया है। कांट्रेक्ट के बाद कामरान ने एक इंटरव्यू में कहा, ''मैं अपनी खुशी का इजहार शब्दों में नहीं कर सकता। मैं जानता था कि एक दिन मैं किसी बड़ी टीम के साथ खेलूंगा, लेकिन इतनी जल्दी ख्वाब पूरा होने के बारे में नहीं सोचा था।''
कामरान के पिता अतीक अहमद एक लकड़हारे और मां मेहरुन्निसां गृहिणी थीं। इस समय दोनों इस दुनिया में अपने बेटे की सफलता देखने के लिए मौजूद नहीं है। कामरान के बड़े भाई शमशाद अभी भी उनकी सफलता पर भरोसा नहीं कर पा रहे है। वह कामरान को क्रिकेट खेलने से रोका करते थे। शमशाद कहते है, ''मैं क्रिकेट के खिलाफ नहीं था। दरअसल हम लोग बहुत गरीब परिवार से है और हमारे पास जीवन व्यतीत करने के बहुत कम साधन हैं। मैं चाहता था कि वह कुछ कमाने लगे। अब मेरा भाई क्रिकेट खेल कर कमाई करेगा।''
कामरान के कोच नौशाद खान बताते है, ''मैं ढाई साल पहले आजमगढ़ स्थित अपने गांव बासुपुर गया था। वहां मैंने कामरान को एक धूल भरे मैदान में टेनिस बॉल से खेलते देखा। उसमें छिपे जबरदस्त उत्साह को देखकर मैं समझ गया कि इसमें बहुत आगे जाने का दम है। मैंने उसे मुंबई आकर ट्रेनिंग लेने के लिए आमंत्रित किया।''
मुंबई आने के बाद नौशाद ने उनकी अपने घर में रहने और भोजन की व्यवस्था की। कामरान उनकी निगरानी में अपनी गेंदबाजी निखारने लगे। कामरान जब मुंबई के बाहर किसी शहर ट्रायल देने जाते, तो तंगहाली के कारण प्लेटफार्म टिकट लेकर स्टेशन पर ही रात गुजारते थे। वह ट्रायल में खाली पेट या चाय-बिस्कुट खाकर बॉल फेंकते थे। ट्रायल देने के लिए वह अपने एक जोड़ी ट्रैक सूट और फटे जूतों में ही जाते थे।
नौशाद खान कामरान के जीवन में आए टर्निग प्वाइंट के बारे में बताते है, ''कामरान मूलत: टेनिस बॉल प्लेयर था। हमने इसे तालीम शील्ड मैच में खेलने का मौका दिया। वहां इसने अच्छी बॉलिंग के साथ ही अपनी बैटिंग से भी प्रभावित किया। इसने 20 गेंद पर 60 रन की धुआंधार पारी खेली। उसके बाद मैंने मुंबई पुलिस स्क्वाड को इसे डीवाई पाटिल टी-20 टूर्नामेंट में खिलाने के लिए राजी किया। वहां इसने बहुत अच्छी गेंदबाजी की। एक मैच में इसने केवल 10 रन देकर तीन विकेट लिए। कामरान की किस्मत अच्छी थी, जो मैच देखने राजस्थान रॉयल्स के कोचिंग निदेशक डैरेन बैरी भी वहां मौजूद थे। डैरेन ने कामरान को अपनी टीम के प्रैक्टिस मैचों में भेजने के लिए कहा। प्रैक्टिस मैचों में भी कामरान ने तीन मैचों में बेहद कम रन देकर सात विकेट लिए।''
नौशाद आगे बताते है, ''इन मैचों के बाद एक दिन डैरेन कामरान को अलग ले गए और खुद को एक ओवर फेंकने को कहा। उसने पहली दो गेंद यार्कर, दो बाउंसर, एक गुड लेंथ और आखिरी बॉल स्लोअर डाली। कामरान की बॉलिंग परफेक्ट थी। डैरेन उससे बहुत अधिक प्रभावित हुए और आईपीएल के लिए कांट्रेक्ट का ऑफर दिया। हमें उसके बाद मुंबई इंडियंस से भी ऑफर मिला, लेकिन कामरान ने राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलने का निर्णय लिया।''
नौशाद अफ्रीका से कामरान के आए फोन के बारे में बताते है, ''उसने मुझे कहा कि वह एक दिन भारतीय टीम में खेलना चाहता है। मैंने उससे कहा कि यह तुम्हारी किस्मत पर निर्भर करेगा।'' कामरान 10 मार्च को 18 वर्ष के हुए है और अपने गांव के एक स्कूल में कक्षा सात के छात्र हैं। उनके उत्साह और प्रतिभा को देखकर लगता है कि जल्द ही विश्व क्रिकेट को वसीम अकरम जैसा एक और गेंदबाज मिलने वाला है!