कुछ ख़ास है आम का स्वाद टुकड़े करके खाएं या रस पिएं, इसके जुबान पर लगते ही गर्मियों की तपिश गायब हो जाती है। 'मालगोवाज', 'मंगोट', 'मंगा', 'मंगाऊ', 'मंगकई', 'मैंगो' या फिर 'आम'; लोग जिस नाम से भी इसे पुकारें, स्वाद और गुणों के मामले में निर्विवाद रूप से यह फलों का राजा है।
गर्मियों के दिनों में आम हिंदुस्तानी घरों में लगभग हर डिश के साथ शामिल रहता है। यदि आप सोचते है कि आम को सिर्फ चूस या काटकर ही खाया जाता है, तो जानकारी अपडेट करते हुए यह जान लें कि आम से सैंडविच, मॉकटेल, केक, चाट और मिठाई भी बनाई जाती हैं।
उदय कांटिनेंटल के शेफ पी. मधुर बताते है, ''गर्मियों में हम आम से लगभग 10 से 12 खास रेसिपी तैयार करते है। इसके अलावा शर्बत, केक, आइसक्रीम, फ्रूट पंच और सैंडविच तो होते ही है।'' अपने प्रसिद्ध मैंगो चीज सैंडविच की विधि बताते हुए मधुर कहते है, ''आम के टुकड़े कर इसमें खीरा, प्याज और टमाटर मिला लेते है। सबको आपस में अच्छी तरह से मिलाने के बाद काली मिर्च, नमक और नींबू का रस डाल देते है। अब सलाद मसाला व चीज के साथ इसकी तह ब्रेड में लगा देते है। फ्रिज में रखने के बाद स्वादिष्ट ठंडा मैंगो चीज सैंडविच खाने के लिए तैयार है।''
उत्तर प्रदेश के देहाती इलाकों की बात करें तो यहां लगभग प्रत्येक घर में पारंपरिक अमरस खाने को मिल जाएगा। हां, जब आम से बने मीठे और नमकीन के मिश्रण की बात आती है तो हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की बात जरूर की जाएगी। स्थानीय निवासी उड़द की दाल के साथ आम को मिलाकर कचौड़ी के रूप मे खाते है।
मैंगो जूस तो आपने बहुत पिया होगा, लेकिन अब इसका नया रूप मैंगो मॉकटेल लोगों को लुभा रहा है। कुकरी क्लास संचालिका अनु कपूर कहती हैं, ''यह गर्मियों का शानदार ड्रिंक है। खस सीरप, नींबू का रस, रूहआफजा, वनीला आइसक्रीम और सोडा या स्प्राइट को मिलाकर बनाया गया मैंगो मॉकटेल तपती गर्मी में आपको तरोताजा कर देता है।'' क्या आप मैंगो सलाद खाना पसंद करेगे? अनु इसकी रेसिपी भी बताती है, ''मैंगो सलाद कच्चे आम और हरे पपीते से बनाया जाता है। आम और हरे पपीते को पीसकर एक प्याले में ठीक से मिला लें। इसमें ऑलिव ऑयल, ओरेगानो, शिमला मिर्च, खीरा और पीली मिर्च का पाउडर मिला लें। मैंगो सलाद तैयार है।'' इसी क्रम में मैंगो मूसे, मैंगो टार्ट, श्रीखंड की तर्ज पर आमखंड , मैंगो पेस्ट्री और मैंगो स्टफ्ड लीची विद आइसक्रीम जैसी आम से बनने वाली डिशेज की लिस्ट का कोई अंत नहीं है!
[फास्ट फैक्ट]
आम को यूं ही फलों का राजा नहीं कहा जाता है। कालीदास ने इसका गुणगान किया, सिकंदर ने इसे सराहा और सम्राट अकबर ने दरभंगा में इसके एक लाख पौधे लगवाए। इस बाग को आज भी 'लाखी बाग' के नाम से जाना जाता है। आम को कई नवाबों और राजाओं के नामों से भी जाना जाता है, जैसे कृष्ण भाग, शम्सुल अस्मर, खासा, प्रिंस, तैमूर लंग, आबे हयात, इमामुद्दीन खान और हलवा आदि।
kya BAT HAI AAM KI,BACHPAN KI BAHUT SAARI YADDEN JUDI HAI.
ReplyDelete